है कभी परमार्थ चिंतन में तपस्वी मन
है कभी वैदिक ऋचाओं का मनस्वी मन
रति-मदन की मृदुल मधु मनुहार का यह मन
निर्वेद और अनुरक्ति के हाथों लुढकता मन
इस तरह हिंडोल में मत झूल मेरे मन...
तपस्वी मन
है कभी परमार्थ चिंतन में तपस्वी मन
है कभी वैदिक ऋचाओं का मनस्वी मन
रति-मदन की मृदुल मधु मनुहार का यह मन
निर्वेद और अनुरक्ति के हाथों लुढकता मन
इस तरह हिंडोल में मत झूल मेरे मन...